
स्टेट डेस्क।
प्रदेश में लाॅकडाउन के दौरान बिजली छीजत व चोरी बढ़ने से सरकारी बिजली निगमों को रोजाना करोड़ों रूपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है। ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला ने मंगलवार को विद्युत भवन से प्रदेश के सभी एक्सईएन व फील्ड इंजीनियरों से वीडियो कांफ्रेसिंग से बात की। ऊर्जा मंत्री ने सलाह दी कि बिजली छीजत कम करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए जयपुर, जोधपुर व अजमेर डिस्काॅम के इंजीनियर संयुक्त जिम्मेदारी व टीम भावना से काम करे। उन्होने कहा कि जहां-जहां भी छीजत ज्यादा है, इन क्षेत्रों में ओवर कैपेसिटी वाले ट्रांसफार्मर्स की स्थिति में सुधार लाने के लिए एग्रीकल्चर फीडर को अलग करने की कार्यवाही की जाए। विद्युत छीजत पर लगाम
कसने के लिए ठोस कार्य योजना के साथ प्रयास करे और बकाया राजस्व की वसूली के लिए भी सघन अभियान चलाए। विद्युत छीजत को रोकने के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए। अधीक्षण अभियंता, अधिशाषी अभियंता और सहायक अभियंता अपने अधीन आने वाले क्षेत्रों में जांच के लिए दौरा करे और डिस्काॅम्स के उच्चाधिकारियों के स्तर इसकी नियमित माॅनिटरिंग की जाए।
उन्होंने इसके लिए डिस्काॅम्स के तहत प्रभावी सूचना तंत्र बनाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि सभी अधिकारी फील्ड में कार्यरत अपने अधीनस्थ कार्मिकों के माध्यम से इस बारे में सूचनाएं प्राप्त करे। जो कार्मिक इस दिशा में अच्छा कार्य करे, उनको पुरस्कृत किया जाए।
प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा एवं अध्यक्ष डिस्काॅम्स अजिताभ शर्मा ने समीक्षा करतें हुए कहा कि सभी को विद्युत छीजत 15 प्रतिशत से कम लानी है और यह कार्य सस्टेनेबल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि व्यवस्थित रूप से योजना बनाकर पर्याप्त जाप्ते के साथ सतर्कता जांच की कार्यवाही की जाये। उन्होंने निर्देश दिये की खराब मीटरों को तुरन्त बदलने की कार्यवाही की जाये। श्री शर्मा ने अत्यधिक छीजत वाले क्षेत्रों के अधिशाषी अभियन्ताओं से एक-एक कर छीजत बढने के कारणों की जानकारी प्राप्त करते हुए निर्देश दिये की प्लान्ड व फोकस तरीके से कार्य करें। उन्होने स्पष्ट निर्देश दिये की जिन डिवीजनों की स्थिति खराब है वे आगामी वीडियो कान्फ्रेन्स से
पूर्व स्थिति में सुधार के लिए प्रभावी कार्यवाही करें। वीडियो कान्फ्रेन्स में विद्युत प्रसारण निगम के सीएमडी दिनेश कुमार, विद्युत उत्पादन निगम के सीएमडी पी. रमेश, ऊर्जा विकास निगम के एमडी पीयूष सामरिया, जयपुर डिस्काॅम के एमडी ए.के.गुप्ता, अजमेर उिस्काॅम के एमडी वी.एस. भाटी, जोधपुर डिस्काॅम के एमडी अविनाश सिंघवी सहित निदेशक तकनीकी व वित्त, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (सर्तकता), मुख्य अभियन्ता, अधीक्षण अभियन्ता व अधिशाषी अभियन्ता उपस्थित रहे।