
स्टेट डेस्क।
सरकार के जलदाय विभाग (PHED) और कार्मिक विभाग ( DOP) के ब्यूरोक्रेट्स के बीच मतभेद का खामियाजा 215 इंजीनियरों को भुगतना पड़ेगा। आधी अधूरी तैयारी के साथ आरपीएससी गए पीएचईडी प्रमुख सचिव राजेश यादव का लवाजमा बैरंग लौट आया। कारों में भर गई फाइलों के बस्ते बंद ही वापस आ गए। बताया जा रहा है कि डीओपी की प्रमुख सचिव रौली सिंह ने आरपीएससी जाने से पहले ही इंकार कर दिया था। वो वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से डीपीसी करने पर अड़ी हुई थी, लेकिन आरपीएससी सदस्यों ने अजमेर ही आने की जिद पकड़ रखी थी। आखिर में डीओपी प्रमुख सचिव रौली सिंह आरपीएससी नहीं गई और सारी तैयारियां धरी रह गई। विभाग में पांच चीफ इंजीनियर, 14 एडिशनल चीफ इंजीनियर, 29 अधीक्षण अभियंता, 68 एक्सईएन व 99 एईएन के पदों पर प्रमोशन होने है।
प्रमोशन पर इंजीनियरों में आपसी विवाद :
विभाग के इंजीनियरों की आपसी रंजिश व अंदरुनी लड़ाई के कारण कुछ लोग एक दूसरे की शिकायत कर रहे है तथा डीपीसी अटकाने की कोशिश कर रहे थे। ताकि कुछ लोगों को चार्जशीट मिल जाए तथा उनका प्रमोशन रुक जाए। इसके लेकर पिछले छह महीने से एक दूसरे की शिकायतें भी करवाई जा रही है। कई नेताओं से भी लिखित शिकायत का दौर चल रहा है। एक एडिशनल चीफ इंजीनियर ने अपने ही वर्ग के एसीई को वरिष्ठता को चैलेंज कर दिया है।
