
स्टेट डेस्क।
प्रदेश की जयपुर, जोधपुर व अजमेर डिस्कॉम, विद्युत प्रसारण निगम व विद्युत उत्पादन निगम में हर साल की तरह इस बार दीपावली पर कर्मचारियों को नगद बोनस नहीं मिलने से आक्रोश है। विद्युत संघर्ष समिति ने शनिवार को दीपावली के दिन स्वैच्छिक अवकाश पर जाने की चेतावनी दी है। दीपावली पर बिजली सप्लाई सुचारू नहीं होने की जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
सभी संगठनों के पदाधिकारियों व कर्मचारियों ने शुक्रवार को विद्युत भवन पर प्रदर्शन किया और जयपुर डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक एके गुप्ता सहित अन्य अधिाकारियों को ज्ञापन दिया है। संयुक्त संघर्ष समिति में राजस्थान राज्य कर्मचारी संगठन (इंटक), प्रांतीय विद्युत मजदूर संगठन (इंटक), भारतीय मजदूर संघ (भामस), ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन (एटक), ऑल राजस्थान इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज फैडरेशन, मीटर रीडर्स यूनियन एंड एम्पलाइज सहित अन्य संगठनों के पदाधिकारी शामिल थे। प्रदर्शन को विद्यासागर शर्मा, वेदप्रकाश, डीडी शर्मा, रामावतार व्यास, मधुसूदन शर्मा, अमित मल्होत्रा, जीएल मीना, प्रमोद शर्मा, युसुफ कुरैशी सहित अन्य कर्मचारी नेताओं ने संबोधित किया।
फैक्ट्री एक्ट के तहत नगद बोनस की मांग:
संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि सरकार ने राज्यकर्मियों की तरह ही बिजलीकर्मियों को भी बोनस में से केवल 25 फीसदी नगद देने और शेष 75 फीसदी जीपीएफ या अन्य योजनाओं में निवेश करने का आदेश दिया है। संघर्ष समिति इस आदेश से असहमत है। क्योंकि विद्युत निगमों में बोनस या एक्सग्रेसिया फैक्ट्री एक्ट के तहत देते है। ऐसे पांचों बिजली निगमों में बोनस व एक्सग्रेशिया का भुगतान पूर्व की तरह 8.33 प्रतिशत की दर से 6997 रुपए के बोनस के नगद भुगतान का संशोधित आदेश जारी करे। नगद भुगतान के आदेश जारी नहीं हुए तो 14 नवंबर को दीपावली के दिन से सभी अधिकारी व कर्मचारी स्वैच्छिक अवकाश पर चले जाएंगे।
