
स्टेट डेस्क।
प्रदेश में राजनैतिक संरक्षण से बिजली चोरी फल-फूल रही है, लेकिन मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद प्रबंधन इसका जिम्मेदार इंजीनियरों को मानते हुए दंड दे रहा है। ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव व डिस्कॉम चेयरमेन ने बिजली चोरी पर कंट्रोल नहीं करने के आरोपों के बाद जोधपुर डिस्कॉम के दो इंजीनियरों को एपीओ व अजमेर डिस्कॉम के दो इंजीनियरों को सस्पेंड किया है। जयपुर डिस्कॉम के कामकाज की समीक्षा शुक्रवार को होगी। इसमें भी दो से चार इंजीनियरों को सजा मिलना तय है। जिसमें ज्यादा बिजली छीजत व कम वीसीआर भरने वाले एक्सईएन व एईएन को सस्पेंड किया जाएगा। सभी इंजीनियरों की परफोर्मेंस के कागज तैयार कर लिया है।
अब तक इनकी लग चुकी है बलि :
डिस्कॉम चेयरमेन अजिताभ शर्मा ने बुधवार को अजमेर डिस्कॉम की समीक्षा के दौरान कमजोर प्रदर्शन की वजह से एक्सईएन (नोखा) भूरा राम फरोदा और एईएन (हटुण्डी) रामसुख डूडी को एपीओ कर दिया था। वहीं अजमेर डिस्कॉम की गुरुवार को समीक्षा के दौरान कमजोर प्रदर्शन की वजह से सहायक अभियन्ता (कुचामनसिटी) सुनील कुमार व सहायक अभियन्ता (विजीलेन्स बागीडोरा) किरोड़ी लाल को निलम्बित कर दिया।
राजनैतिक दबाद के बाद बैकफुट पर प्रबंधन:
जयपुर डिस्कॉम के जेपीडीसी सर्किल के बडपीपली सबडिविजन के एईएन मोहनलाल शर्मा के बस्सी के फाल्यावास स्थित पुश्तैनी मकान में बिजली चोरी हो रही थी। एईएन शर्मा को एक मंत्री का राजनैतिक संरक्षण है तथा उनके पास कालवाड़ सबडिविजन का चार्ज भी है। परिवारजनों के बिजली चोरी करने का मामला जेईएन राजेश मीना ने पकड़ा था। लेकिन एक सप्ताह बाद भी एईएन मोहनलाल शर्मा के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। जबकि पहले अजमेर डिस्कॉम व जोधपुर डिस्कॉम में ऐसे ही प्रकरणों में एईएन सस्पेंड हो चुके है। बताया जा रहा है कि एईएन को बचाने के लिए राजनैतिक दबाव के बाद प्रबंधन व चेयरमैन बैकफुट पर है।
